उपयोगिता वाद का अर्थ
[ upeyogaitaa vaad ]
उपयोगिता वाद उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- एक आधुनिक पाश्चातात्य मत या सिद्धान्त, जिसमें नैतिक, सांस्कृतिक आदि गुणों या विशेषताओं का ध्यान छोड़कर प्रत्येक बात या वस्तु का अर्थ, महत्त्व या मान इस दृष्टि से आँका जाता है कि मानव समाज के कल्याण के लिए उसका कितना, कैसा और क्या उपयोग है अथवा हो सकता है:"मिल और बेंथम उपयोगितावाद के प्रणेता माने जाते हैं"
पर्याय: उपयोगितावाद, उपयोगिता-वाद, यूटिलिटेरियनिज्म
उदाहरण वाक्य
- पश्चिम मे कुछ सौतेले पिता , जिनकी संख्या यहाँ बड़ी मात्रा मे है, अपनी सौते ली बेटियोंसे जो व्यवहार करते है, वो आप कल्पना मे भी नहीं सोच सकते| सारे ऐसे नहीं है| पर अधो गति की दिशामे बड़ी गतिसे समाज लुढ़क रहा है| भोगवाद और उपयोगिता वाद मानव को कहाँ खाईमे फेंकेगा? भारत के पास राम का आदर्श है-पराई स्त्री मातृ समान का आदर्श है-पश्चिम के पास भोग वाद है| कारला ने जो किया, कोई आश्चर्य नहीं| सयानोको. समाज के अग्र जोको चेतावनी| बंदे मातरम